आखिर क्या है एल्कलाइन डाइट
1931 में नोबेल प्राइज विजेता डॉ ओट्टो वार्बर्ग ने बताया था कि कोई भी बीमारी यहाँ तक की कैंसर भी एल्कलाइन वातावरण में जीवित नही रह सकता है इस प्रकार एल्कलाइन डाइट से कई बीमारियों यहाँ तक की कैंसर से भी बचा जा सकता है.
शरीर का प्राकृतिक स्वाभाव एल्कलाइन है, हमने अपनी लाइफ स्टाइल से इसके स्वाभाव को बदल दिया जिस कारण से हमारे शरीर के सभी अंग हमारी त्वचा सहित शरीर का हर हिस्सा समय से पहले ही ख़त्म हो रहा है. जिसका प्रत्यक्ष प्रमाण आज छोटी छोटी आयु में हार्ट अटैक, ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, अत्यधिक वजन, किडनी फेलियर, स्ट्रोक, कैंसर इत्यादि भयंकर रोग से ग्रसित हमारे युवा और 40 वर्ष की आयु के अधेड़ जो कभी 60 साल से पहले अपने को बूढा महसूस नहीं करते थे वो आज 60 साल से पहले ही वो दुनिया को अलविदा कह कर चले जाते हैं. इसका मूल कारण ही अगर हम सही कर दें तो हम सहज ही कई बिमारियों से बच कर एक स्वस्थ जीवन व्यतीत कर सकते हैं. तो आइये आज आपको बताते हैं एल्कलाइन डाइट चार्ट क्या है और क्या है इसके फायदे. तो आइये जाने
What Is PH level
शरीर में क्षारीय और अम्लीय तत्वों की केमिस्ट्री का संतुलन बनाये रखने के लिए PH की महत्वपूर्ण भूमिका होती है. 7 से कम PH अम्लीय और 7 से ज्यादा PH क्षारीय कहलाता है. सामान्यत: मानव रक्त की PH 7.35 से 7.45 के बीच में होती है.असामान्य PH शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता पर बुरा प्रभाव डालती है.जो कई रोगों को जन्म देती है .ऐसी अवधारणा है की क्षारीय भोजन रक्त के PH को प्रभावित कर कैंसर सहित तमाम रोगों से बचाव एव इलाज में सहायक होते है.
क्षारीय भोजन – (Alkaline Diet)
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हरी पत्तेदार सब्जिया – पालक, अजवायन, कैल, सलाद पता ,जड़ वाली साग-भाजी जैसे गाजर, चकुंदर, शकरकंद एव अन्य सब्जिया जैसे बंद गोभी, ब्रोकोली, कद्दू, शिमला मिर्च, बीन्स, खीरा, प्याज, लहसुन, अदरक, मशरूम.
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सिट्रस फल – नीम्बू, संतरा, मौसमी और अन्य मौसमी फल जैसे सेब,नाशपाती,तरबूज,अनानास, कीवी,खुबानी
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नट्स -बादाम, खजूर, किशमिस,अंजीर
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रिवर्स ओसमोसिस फ़िल्टर सिस्टम से प्राप्त जल अम्लीय होता है, और बोतलबंद पानी से भी परहेज करना चाहिए, नल के पानी को उबालकर ठंडा कर लें और इसको घड़े में डालकर पीना चाहिए. घड़े का पानी एल्कलाइन का बेहतर स्त्रोत है.
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पानी में नीम्बू अथवा बेकिंग सोडा मिलाने से भी क्षारीय प्रभाव बढ़ता है.
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हर्बल चाय, ग्रीन tea, समुंदरी नमक.
इन बातों का ध्यान रखे –
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आहार में क्षारीय भोजन (फल और सब्जिया) 80% और अम्लीय भोजन (अनाज और प्रोटीन ) 20 % होना आदर्श माना जाता है .
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प्रातः काल क्षारीय पेय सेब का सिरका डालकर ले
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भोजन अच्छी तरह चबाकर खाए
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पकाने पर क्षारीय खनिज नष्ट हो जाते है इसलिए बिना पकाए ही अथवा भाप द्वारा कम पकाई सब्जिया ही उपयोग में ले
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पानी खूब पिए
इन एसिडिक भोजन से बचे –
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डिब्बाबंद, कोर्न्फ्लाकेस.ओट्स, साबुत अनाज के उत्पाद, refind सुगर,चॉकलेट, काफी,चाय, अल्कोहल,पास्ता, ब्रेड, चावल, कोक
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मीट,अंडा, दूध और डेयरी उत्पाद
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दाले, मूंगफली, पिस्ता, काजू
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सिंथेटिक मिठासयुक्त उत्पाद
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दवाईयों का अधिक प्रयोग जैसे एस्प्रिन और एंटीबायोटिक
एल्कलाइन डाइट के फायदे – Benefit of Alkaline diet
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एल्कलाइन हड्डियों के विकास के लिए ज़रूरी होता है.
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Muscular body बनाने के लिए एल्कलाइन डाइट की बहुत ज़रूरत होती है.
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एल्कलाइन डाइट एंटी एजिंग में बहुत लाभदायी है.
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आर्थराइटिस और जोड़ों सम्बंधित सभी समस्याओं में एल्कलाइन डाइट बहुत उपयोगी है.
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हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट अटैक और स्ट्रोक से बचाती है एल्कलाइन डाइट.
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रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है एल्कलाइन डाइट.
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कैंसर से लड़ने में बहुत सहायक है.
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किडनी के रोगों से लड़ने में एल्कलाइन डाइट चार्ट बहुत ही लाभदायक है.
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किसी भी प्रकार के इन्फेक्शन को पनपने से रोकती है.
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बॉडी वेट को मेन्टेन रखने में बहुत सहायक है एल्कलाइन डाइट.
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विटामिन का अवशोषण आसानी से होता है और पोटैशियम की कमी को दूर करती है एल्कलाइन डाइट.
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पूरे पाचन तंत्र को सही करने में ये बेहद सहायक है.
डिस्क्लेमर : इस पोस्ट में दी गयी सामग्री का उद्देश्य आपको मात्र जानकारी देना है। कृपया इसका प्रयोग किसी भी प्रकार के उपचार के लिए ना करें एवं अपने चिकित्सक से उचित परामर्श अवश्य लें।