बीमारी से बचने के लिए -“हमारा भोजन हमारी दवा”
व्यक्ति का शरीर जब भी किसी बीमारी से ग्रस्त होता है तो उसे चिकित्सा की विभिन्न पद्धतियों जैसे एलोपैथ होम्योपैथ यूनानी आयुर्वेद योग और प्राकृतिक चिकित्सा द्वारा उसकी बीमारी को ठीक करने का प्रयास किया जाता है किसी भी बीमारी को ठीक करने के लिए बीमारी के लक्षणों का उपचार क्या यह सही उपचार है -नहीं. क्योंकि यदि व्यक्ति के शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बड़ी हुई हो तो उस व्यक्ति के शरीर में कोई भी बीमारी पनपने नहीं पाएगी यह उस शरीर को बीमार होने से बचा सकते हैं
आज के इस प्रदूषण युक्त वातावरण मैं व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता को कैसे बढ़ाया जाएं- जब ईश्वर ने इस पृथ्वी पर मनुष्य को उत्पन्न किया था तब मनुष्य के अनुकूल उसे सभी श्रेष्ठ प्रकार के वातावरण तथा मनुष्य की जरूरत की श्रेष्ठ वनस्पति और औषधियां भोजन के रूप में प्रदान की थी. मनुष्य के अनुकूल वातावरण को जैसे-जैसे हमने विकास का रास्ता तय किया वैसे वैसे वातावरण में प्रदूषण की मात्रा बढ़ती चली गई मनुष्य को स्वस्थ रुप से जीने के लिए उसेआवश्यक है वैज्ञानिकों के अनुसार हमारे शरीर में 90% बीमारियों का कारण शरीर में जमा प्रदूषण है जहां मनुष्य को शुद्ध जल ,शुद्ध वायु ,शुद्ध पौष्टिक भोजन ,मानसिक संतुलन, शारीरिक व्यायाम, समय पर सोना और जागना नियमित रूप से होता है तो व्यक्ति में रोग प्रतिरोधक क्षमता परिपूर्ण होती है आज की प्रचलित चिकित्सा पद्धतियों खासतौर से एलोपैथ चिकित्सा पद्धति इस रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में सक्षम नहीं है बल्कि यह पद्धति व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर कर देती है यदि हम शरीर के अंदर आंतरिक विषाक्तता को समाप्त कर लें और शरीर के अंदर होने वाले असंतुलन जिसमें छारीय और अम्ल का संतुलन, वात और पित्त और cough का असंतुलन, हार्मोन का असंतुलन ,शरीर में ग्लूकोस के स्तर का संतुलन ,भोजन के द्वारा संतुलित करके हम जीवन भर निरोगी और स्वस्थ जीवन जी सकते हैं यह सारे कारण शरीर में कोशिकी स्तर पर करना होगा आज वैज्ञानिक ,डॉ ,सभी मानते हैं कि जिस परिवेश में हम जी रहे हैं उसमें व्यक्ति को कब कैसे कौन सी बीमारी लग जाएगी उसे नहीं मालूम लेकिन अगर बीमारियों से बचना है तो उस व्यक्ति के शरीर के अंदर रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाना होगा और यह कार्य केवल भोजन द्वारा ही संभव हो सकता है चिकित्सा क्षेत्र की अन्य विधाओं के चिकित्सकों और समाज के प्रतिष्ठित डाइट न्यूट्रिशन को भोजन कि इस महत्वपूर्ण चर्चा को समाज के साथ बांटा जाना चाहिए जिससे सभी भोजन की विधा से परिचित होकर अपने को और समाज को बीमारियों से बचा सकते हैं
लेखक
डॉ बृजेश सिंह चंदेल – B.N.Y.S
(CERTIFIED DIABETIC EDUCATOR)